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" फूल नही मैं लेखक हूं "
04/08/2017 05:23
काया मे सांसे बोल रही
मेरे मन की मधुर सुमिरिनो मे,
मन की हिंन्डोले डोल रहीं
और शनै –शनै मेरे कानो मे
कुछ करने को है बोल रहीं
ऐसे पावन विचरण मे तुम .
कोई ना दखलंन्दाज करो.
अपने मधुर प्रेम की नैया को तुम अपने ही पास रखो.
मेरे मन की भाव भन्गिमा को
मुझे यूं ही तुम लिखने दो …
फूल नही मैं लेखक हू मुझे...
नर हो ना निराश करो मन को
12/03/2015 16:05
अगर सफलता मंजिल है, तो असफलता वह रास्ता है जो हमें इस मंजिल तक पहुँचाता है। यही वजह है कि महापुरुषों ने इन दोनों में ही आशा की किरण देखी है। छोटी-छोटी असफलताएँ ही आगे चलकर बड़ी सफलता का आधार बनती हैं।
आज के कुछ नादान और कमजोर लोग भले ही छोटी-मोटी नाकामयाबी से भी निराश होकर जीवन से हार मान लेते...
For Bihar & Jharkhand News
25/02/2013 09:37
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औरंगाबाद की खबरे
Cricket
25/02/2013 01:20News of the day
22/02/2013 02:02
आए दिन आतंकी घटनाओं का शिकार आम आदमी हो रहा है और व्यवस्था मूक दर्शक बना ब्लास्ट के बाद की कार्रवाइयों में जुट जाती है. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि ‘आतंक का शिकार आम आदमी तो जिम्मेदार कौन?
हैदराबाद बम धमाकों में एक अहम खुलासा हुआ है. पता चला है कि 4 दिन पहले ही घटनास्थल दिलसुखनगर में CCTV...
आज ही रचा था 'राजा हरिश्चंद्र' ने इतिहास
14/02/2013 04:54
शहर- बंबई, जगह- गिरगावं स्थित कोरोनेशन थियेटर। वक्त आज से सौ साल पहले का, यानी 3 मई 1913। देश में इसी दिन स्वदेश निर्मित हिंदी फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' पहली बार रिलीज हुई थी। इस फिल्म को जब लोगों ने देखा, तो उन्हें लगा कि यह तो एक साल पहले आई फिल्म 'पुंडलिक' से कई गुना अच्छी है।...
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